Places near Ujjain (उज्जैन के पास के स्थान)

उज्जैन को मुख्यातह मंदिरो का सहर माना जाता है। लोग यहाँ महाकाल के दर्सनो के लिए आते है। मगर उज्जैन में बहुत से और भी दर्सनिया जगह हैं। आइये हम उनमे से कुछ प्रमुख जगहों के बारे में जाने ।

१ महाकालेश्वर जोतिर्लिंग: महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश का एक प्रशिद्ध मंदिर है जो श्रद्धेय भगवान शिव को समर्पित है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। और इसे अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों की तरह ही जटिल रूप से डिजाइन किया गया है।


२ बड़ा गणेश मंदिर: बड़े गणेशजी का मंदिर उज्जैन में एक शानदार मंदिर है जिसमें भगवान गणेश की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है। महाकालेश्वर जलाशय के किनारे स्थित यह मंदिर प्रशिद्ध महाकाल मंदिर से कुछ ही दूरी पर है। जब आप यहां होते हैं, तो आप पंचमुखी हनुमान गेट पर भगवान हनुमान का आशीर्वाद भी ले सकते हैं।


३ चिंतामन गणेश मंदिर: चिंतामन गणेशजी का मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से थोड़े दूर स्थित है। भारत में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक – भगवान गणेश की एक विशाल मूर्ति है।


४ काल भैरव मंदिर: भैरव भगवान शिव का एक उग्र रूप है, और आठ भैरवों में काल भैरव सबसे महत्वपूर्ण है। प्राचीन शास्त्रों की माने तो काल भैरव मंदिर का संबंध तंत्र पंथ से है, जो एक गुप्त धार्मिक संप्रदाय है, जो काले जादू पर आधारित था।


५ राम मंदिर घाट: राम मंदिर घाट हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व का है क्योंकि यह उन चार स्थानों में से एक है जहां हर 12 साल में एक बार कुंभ मेला लगता है।
६ हरसिद्धि मंदिर: हरसिद्धि मंदिर में महासरस्वती और महालक्ष्मी की मूर्तियों के बीच गहरे लाल रंग में चित्रित अन्नपूर्णा की एक मूर्ति है।


७ कालियदह पैलेश: यह शिप्रा नदी में स्थित एक द्वीप पर स्थित एक महल है। यह स्थान अपने आप में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। इसका निर्माण 1458 ई. में हुआ था। महल दोनों तरफ से नदियों के पानी से घिरा हुआ है।
८ इस्क्कोन मंदिर: उज्जैन में इस्कॉन एक सफेद संगमरमर की सुंदर इमारत है। वास्तव में यह एक अद्भुत मदिर है। यहाँ राधा मोहन, श्रीकृष्ण और बलराम और श्री गौरी निताई की तराशी गई संगमरमर की मूर्तियाँ हैं। जो चमकीले रंग के कपड़े और सुंदर आभूषण पहने हुए हैं।
९ जंतर मंतर: उज्जैन सदियों से एक शैक्षिक केंद्र रहा है, और यह जगह हमें इस बात का प्रमाण देती है। जंतर मंतर (जिसे वेद शाला भी कहा जाता है) की स्थापना 17 वीं शताब्दी में की गई थी। यहाँ हिंदू विद्वानों और ज्योतिषियों को उनके शोध और अध्ययन में मदद मिल सके।
१० भर्तृहरि केव्स: यह वही स्थान है जहां विक्रमादित्य के भाई और एक बहुत प्रसिद्ध कवि भर्तृहरि अपने जीवन की सभी विलासिता को त्यागकर रहते थे। और ध्यान और साधना करते थे।
११ २४ खम्भा मंदिर: चौबीस खंबा मंदिर 9वीं या 10वीं शताब्दी का एक मनोरम ऐतिहासिक आश्चर्य है। प्रवेश द्वार मंदिर के संरक्षक देवी-महालय और महामाया की छवियों को प्रदर्शित करता है।
१२ राम मंदिर: राम मंदिर, भगवान राम को समर्पित है। यहां भगवान् श्री राम देवी सीता और दूसरी तरफ उनके भाई लक्ष्मण के साथ देखे जा सकते हैं। राम मंदिर वास्तुकला के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक है।
१३ मंगलनाथ मंदिर: भगवान शिव द्वारा देवी पृथ्वी को दिया हुआ वरदान है। उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर का असीम धार्मिक महत्व है। यह मंदिर मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है। इस रहस्यमय मंदिर में रोजाना सैकड़ों भक्त, काली ऊर्जा और जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। आप यहां शहर के संरक्षक महादेव का आशीर्वाद भी ले सकते हैं।
१४ सांदीपनि आश्रम: इस स्थान में गुरु संदीपनी ने भगवान कृष्ण, बलराम और सुदामा को प्रशिक्षित किया था। सांदीपनि आश्रम का उल्लेख महाभारत में कई जगहों पर है। आश्रम में एक विशाल पत्थर है जिस पर 1-100 खुदा हुआ है। रहस्यमय गोमती कुंड भी यहाँ है , जिसमें दुनिया के सभी पवित्र जल का मिश्रण है।
१५ गढ़कालिका मंदिर: उज्जैन में गडकलिका मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। देवी कालिका की सुन्दर तराशी गई मूर्ति अपने आप में एक परम दिव्य अनुभव है। यहाँ सुबह और शाम की आरती आत्मा का सुकून देने वाली है। इसलिए लोग यहाँ मुख्यत: सुबह और साम की आरती देखने के लिए आते हैं।
१६ गोपाल मंदिर: उज्जैन में गोपाल मंदिर, बाजार के केंद्र में संगमरमर की एक ऊंची संरचना है। जो अपने अंदर सुंदर कृष्ण की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। मूर्ति 2 फीट लंबी है, जो की चांदी की परत वाली वेदी पर टिकी हुई है। और भगवान् की मूर्ति पूरी तरह से चांदी और सोने के आभूषणों से लिपटी हुई है। साथ ही सोमनाथ मंदिर से गजनी द्वारा चुराए गए प्रशिद्ध दरवाजे को अब यहां स्थापित कर दिया गया है।
१७ सनी मंदिर: 2000 से अधिक वर्षों से उज्जैन में शनि मंदिर स्थित है। यह मंदिर भारत का पहला नवग्रह मंदिर है, और दुनिया का एकमात्र शनि मंदिर है जहां शनिदेव को भगवान शिव के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। इस मंदिर में अमावस्या की रातों का विशेष महत्व है, जिसमें हजारों भक्त भगवान को तेल चढ़ाते हैं।
१८ बिरला मंदिर: यह मंदिर उज्जैन के पास इंडस्ट्रियल एरिया नागदा में स्थित है। बिरला मंदिर हिन्दू श्रद्धेय मंदिर है जो की भगवान विष्णु को समर्पित है। यह मंदिर बिरला परिवार के द्वारा बनाये गए मंदिरों में से एक है जो की पुरे भारत में बनाये गए हैं। यह मंदिर त्रुटिहीन वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है, यह मंदिर चारो और से सुन्दर बगीचा और सुन्दर फव्वारे से घिरा हुआ है।
१९ म्युसियम: राजा विक्रमादित्य की स्मृति में निर्मित, विक्रम कीर्ति मंदिर संग्रहालय मौर्य युग को महिमामंडित करता है। 1965 में निर्मित, इस संग्रहालय में प्राचीन पांडुलिपियों और सिक्कों से लेकर तांबे की प्लेटों और नर्मदा घाटी में खोजे गए जीवाश्मों तक सब कुछ है।

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